कोरोना के खिलाफ जंग लड़े रहे शहर के नर्सिंग कर्मचारी बुधवार को व्यवस्थाओं से आहत हो सड़क पर उतर आए। उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। नर्सेज की मांग है कि वे अपना घर छोड़ जान जोखिम में डाल कोरोना के मरीजों की देखभाल में जुटे है, लेकिन उन्हें खाना तक नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में भूखे पेट कोरोना से जंग नहीं लड़ सकते। साथ ही वे घर भी नहीं जा सकते। यहां उनके रहने की भी व्यवस्था नहीं की गई है। इसके बाद हरकत में आए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सभी को आश्वस्त किया कि भविष्य में उन्हें शिकायत का अवसर नहीं मिलेगा।
जोधपुर का एमडीएम अस्पताल इन दिनों पूरे जोधपुर संभाग में कोरोना के इलाज का केन्द्र बना हुआ है। जोधपुर सहति संभाग के अधिकांस मरीजों का यहीं पर इलाज चल रहा है। इनके इलाज के लिए तैनात नर्सेज को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। आज दोपहर पहली शिफ्ट समाप्त होते ही बड़ी संख्या में नर्सेज अस्पताल के प्रशासनिक खंड के बाहर एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। नर्सेज की नारेबाजी सुन सभी चौंक उठे। आनन-फानन में सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गए और उनसे वार्ता शुरू की। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल मीणा भी वहां पहुंचे। नर्सेज ने उन्हें बताया कि चौदह दिन से लगातार ड्यूटी दे रहे नर्सेज को कल से परिसर में बने कोटेज वार्ड में क्वारैंटाइन कर दिया गया है। ऐसे में अब वे ड्यूटी समाप्त कर कहां जाए। उनके रहने की व्यवस्था ही नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि कल रात व आज सुबह की शिफ्ट में तैनात नर्सेज को भोजन तक नहीं मिला। ऐसे में जान जोखिम में डाल काम करने के बावजूद वे भूखे पेट काम नहीं कर सकते है। कोरोना मरीजों के वार्ड में ड्यूटी होने के कारण वे घर भी नहीं जा सकते।
हाथों हाथ की रहने व खाने की व्यवस्था
डॉ. मीणा से सभी को धैर्यपूर्वक सुना और स्वीकार किया कि कम्यूनिकेशन गैप के कारण उन्हें असुविधा हुई। उन्होंने व्यवस्थाओं में जुटे लोगों को लताड़ लगाई। हाथों हाथ शास्त्री सर्किल पर स्थित डिस्कॉम गेस्ट हाउस में नर्सेज के रहने की व्यवस्था की गई। साथ ही उनके लिए खाने का प्रबंध किया गया। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि भविष्य में इस तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
इस तरह करते है नर्सेज ड्यूटी
कोरोना के मरीजों की देखभाल में जुटे नर्सेज 14 दिन तक लगातार ड्यूटी देते है। इसके बाद इन्हें क्वारैंटाइन में भेज दिया जाता है। पहले बैच के क्वारैंटाइन में जाने के बाद दूसरा बैच कोरोना मरीजों के वार्ड में मोर्चा संभाल लेता है। ये लोग अस्पताल की ओर से उपलब्ध कराए स्थान पर सोते है और खाना भी उनको वहीं पर मिलता है। 14 दिन बाद तीसरा बैच ड्यूटी पर आएगा। इस दौरान क्वारैंटाइन में रहने वाले पहले बैच को घर भेज दूसरे बैच को क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया जाएगा।