प्रतिबंधित क्षेत्रों में घूमे तब्लीगी जमात के लोग, कई दावतें कीं

जिले में शुरुआती दिनों में कोरोना का एक भी मामला नहीं आने से काफी राहत थी, लेकिन तब्लीगी जमात के मामले में जैसलमेर का पोकरण शहर चपेट में आ गया है। अब जैसे जैसे जानकारी सामने आ रही है वैसे ही खतरा बढ़ता जा रहा है। पहले दिन एक और मंगलवार को  एक साथ 13 कोरोना मरीज सामने आए। ये सभी बाहर से आए जमातियों के संपर्क में ही थे। 



इस मामले में पुलिस व खुफिया एजेंसियों की चूक सामने आ रही है। तब्लीगी जमात के 14 लोग 19 से 23 मार्च तक पोकरण में रहे, इतना ही नहीं इनमें से कुछ लोग तो 23 मार्च के बाद में भी पोकरण में ही थे और 31 मार्च को बीकानेर के लिए रवाना हुए। पोकरण से कोई इन्हें छोड़ने भी गया था। सवाल यह उठता है कि क्या इनके लिए लॉकडाउन नहीं था। जानकारी के अनुसार ये जमाती बीकानेर, कश्मीर, तेलंगाना, दिल्ली व आंध्रप्रदेश के थे। करीब 14 लोग थे और जिले में कई लोगों के संपर्क में आए थे। फिलहाल ये सभी जोधपुर में क्वारेंटाइन हैं और इनमें से जो बीकानेर गए थे उनमें से एक पॉजिटिव भी सामने आ चुका है। 


यारु खां के खिलाफ संक्रमण फैलाने का मामला दर्ज, गिरफ्तार
पुलिस ने पोकरण के ही वार्ड संख्या 1 सिपाहियों की गली हाल शिवपुरा निवासी यारु खां को भी गिरफ्तार किया है। यारु  जमातियों की सेवा में लगा था। वह अपनी निजी एंबुलेंस में एक जमाती को जोधपुर के पीपाड़ के पास छोड़ कर आया था। बाद में 3 जमातियों को अलग अलग जगहों पर रखवाया तथा मौका पाकर तीनों को अपनी निजी एंबुलेंस में बीकानेर के पूगल के पास छोड़कर आया। उसके खिलाफ धारा 269 व 270 जिसमें जानबूझकर संक्रमण फैलाने का मामला आता है। वहीं इन धाराओं को महामारी एक्ट के तहत लिया गया है।


पहले पीड़ित का भाई एक को पीपाड़ छोड़ आया फिर तीन जमातियों को बीकानेर छोड़ने गया  
पोकरण में रहने के साथ-साथ इन जमातियों ने कई इलाकों में दावतें भी कीं, जिनमें कई स्थानीय लोग भी शामिल हुए। इन्होंने खुलेआम दावतें कीं और पुलिस व खुफिया एजेंसियां हाथ पर हाथ धरे बैठी रहीं।  इस मामले में एक चूक यह भी सामने आई है कि 31 मार्च को जब लॉकडाउन की सख्ती भी तेज थी और जिले की सीमाएं सील थीं। बावजूद इसके पोकरण में सामने आए पहले पीड़ित का भाई तीन जमातियों को अपनी पर्सनल एम्बुंलेंस में छोड़ने बीकानेर के पुगल तक गया और वापस भी आ गया। इससे पहले यही व्यक्ति 23 मार्च एक जमाती को पीपाड़ छोड़ने गया था। इस संबंध में न तो इन्होंने कोई परमिशन ली और न ही किसी को सूचना दी। जब तब्लीगी जमात के लोग पोकरण में थे तब पोकरण के एक पार्षद के घर जनता कर्फ्यू के दिन बड़ी दावत की।